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सभी अंगूर मीठे नही होते।
सबके मां बाप अच्छे नही होते।
हर दिन मौसम सुहाना नही होता।
हर बार बेटा गलत नही होता।
सिक्के के दो पहलू होते है ।
हमेशा एक पहलू क्यों देखता है इंसान।
अपने फायदे के लिए नियम बनाने वाले,
आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान।
स्वार्थ से भरी इस दुनिया में,
अगर सबके मां बाप अच्छे होते,
किसी भी बच्चे के जीवन में,
सौतेला मां बाप नसीब न होते।
अपने स्वार्थ के कारण बच्चो के
खुसियों का गला क्यों घोट देता है इंसान,
केवल मां बाप का बलिदान याद रखने वाले ,
अंखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान।
क्रूरता से भरी इस दुनिया में ,
अगर सबके मां बाप भगवान होते,
गर्भ में पल रहे बच्चो के नसीब में,
कभी भी लिंग के जांच न होते,
बेटा पाने की चाह में कितने ही
बच्चो को गर्भ में मार देता है इंसान,
भ्रूण हत्या का दर्द न समझने वाले
आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान।
दुनिया में ऐसे बाप भी होते है ,
पूरी कमाई शराब पर उड़ा देते है।
बच्चे खाए की नही सोचे बिना,
बिस्तर पर निश्चित सो जाते है ।
गैर जिम्मेदार बाप के कारण ,
बच्चो का जीवन परेशान है।
एक दिन मां कहती है,
जैसा भी है तेरा बाप है।
किसी के जीवन के पूरी सच्चाई जाने बिना,
निजी जिंदगी में दखल क्यों देता है इंसान।
अपने अहंकार को संतुष्ट करने वाले
आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान।
दूसरो को दुखी देखकर
मन ही मन खुस होने वाले,
इस दुनिया में हर जगह,
रहते है राक्षसी प्रवृति वाले।
राक्षसी प्रवृति वाले इस दुनिया में,
अगर सबके मां बाप में ममता होती,
दुनिया के किसी कोने में,
किन्नरों का अलग समाज न होता।
जब भगवान ने ही किन्नरों को ऐसा बनाया,
तो उसे देखकर क्यों हस्ता है इंसान,
खुद को झुठी तसल्ली देने वाले,
अंखीर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान।
सभी अंगूर मीठे नही होते ,
सबके मां बाप अच्छे नही होते।
हर दिन मौसम सुहाना नही होता ,
हर बार बेटा गलत नही होता।
कविता(सभी अंगूर मीठे नही होते
सभी अंगूर मीठे नही होते । सबके मां बाप अच्छे नही होते। हर दिन मौसम सुहाना नही होता। हर बार बेटा गलत नही होता। सिक्के के दो पहलू होते है । हमेशा एक पहलू क्यों देखता है इंसान। अपने फायदे के लिए नियम बनाने वाले, आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान। स्वार्थ से भरी इस दुनिया में, अगर सबके मां बाप अच्छे होते, किसी भी बच्चे के जीवन में, सौतेला मां बाप नसीब न होते। अपने स्वार्थ के कारण बच्चो के खुसियों का गला क्यों घोट देता है इंसान, केवल मां बाप का बलिदान याद रखने वाले , अंखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान। क्रूरता से भरी इस दुनिया में , अगर सबके मां बाप भगवान होते, गर्भ में पल रहे बच्चो के नसीब में, कभी भी लिंग के जांच न होते, बेटा पाने की चाह में कितने ही बच्चो को गर्भ में मार देता है इंसान, भ्रूण हत्या का दर्द न समझने वाले आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान। दुनिया में ऐसे बाप भी होते है , पूरी कमाई शराब पर उड़ा देते है। बच्चे खाए की नही सोचे बिना, बिस्तर पर निश्चित सो जाते है । गैर जिम्मेदार बाप के कारण , बच्चो का जीवन परेशान है। एक दिन मां कहती है, जैसा भी है तेरा बाप है। किसी के जीवन के पूरी सच्चाई जाने बिना, निजी जिंदगी में दखल क्यों देता है इंसान। अपने अहंकार को संतुष्ट करने वाले आखिर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान। दूसरो को दुखी देखकर मन ही मन खुस होने वाले, इस दुनिया में हर जगह, रहते है राक्षसी प्रवृति वाले। राक्षसी प्रवृति वाले इस दुनिया में, अगर सबके मां बाप में ममता होती, दुनिया के किसी कोने में, किन्नरों का अलग समाज न होता। जब भगवान ने ही किन्नरों को ऐसा बनाया, तो उसे देखकर क्यों हस्ता है इंसान, खुद को झुठी तसल्ली देने वाले, अंखीर सच्चाई से कब तक भागेगा इंसान। सभी अंगूर मीठे नही होते , सबके मां बाप अच्छे नही होते। हर दिन मौसम सुहाना नही होता , हर बार बेटा गलत नही होता। <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2311119752115696" crossorigin="anonymous"></script>
