बच्चे क्यों स्कूल नही जाते है ?
बच्चो के स्कूल नही जाने के पीछे बहुत बड़ी कारण छिपी हुई है जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़े ।<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2311119752115696" crossorigin="anonymous"></script>
प्रेम चंद रविदास
7/6/20231 min read


आज के दौर में अगर सरकारी स्कूल की बात करे तो शायद ही किसी को ये बात मालूम न हो कि सरकार बच्चो के पढ़ाई के लिए स्कूल में कितने हि सुविधाएं दे रखी है। अगर नहीं जानते तो सुनिए। भारत में आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा दिया जाता है। सरकार छात्र छात्राओं को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें , कॉपी, पोशाक (यूनिफॉर्म), मध्यान भोजन, फोलिक एसिड टैबलेट्स, छात्रवृति के रूप में शिक्षाश्री ,कन्याश्री , माइनॉरिटी स्कॉलरशिप , स्कूल बैग ,और बाय साइकिल के साथ साथ सोचालय की भी सुविधाएं दे रही है। फिर भी कुछ बच्चे ऐसे है जो स्कूल नही जा पाते है । वजह जानकर आपको हैरानी होगी । हां दोस्तों !ये डूअर्स के चाय बागानों में रहने वाले बच्चो की मैं बात कर रहा हुं।
सर्व शिक्षा मिशन के द्वारा मांगे गए डेटा को भरते समय हमलोगों ने देखा कि कुछ बच्चे स्कूल में दाखिला लेने के बाद एक दिन भी स्कूल नही आए थे। जबकि स्कूल में आधा सेशन बीत चुका था। अब मुझे कॉमेंट बॉक्स में कारण लिख कर देना था की आखिर बच्चे क्यों नही आ रहे थे। जानने के लिए मैं बच्चो के घर घर घूमना सुरु कर दिया । पहला नंबर था अमर का। में उसके घर गया और देखा की । घर एक झोपड़ी सा था । कहीं पर बांस की बेड़ी ,तो कहीं पर टूटे फूटे टीन का घेरा लगा हुआ था। दरवाजे तो बंद थे । फिर भी मैंने आवाज दिया "घर में कोई है"। काला प्लास्टिक से चारो ओर से घिरा हुआ एक बाथरूम बना हुआ था । वहां से एक बुढ़िया निकली।
मैं=दादीजी ! ये अमर का घर है?
बुढ़िया= हां! क्या हुआ?
मैं=कुछ नही दादीजी! बस अमर के बारे में पूछने आया था। मैं स्कूल से आया हूं। अमर स्कूल क्यों नही जाता है ।
बुढ़िया=(धीमी आवाज में ,मुस्कुराते हुए) भेजती हूं मेरा तो बात ही नही सुनता है।
मैं=अभी,कहां गया है?
बुढ़िया=पता नही! कहां गया है?दिन भर इधर उधर घूमता रहता है।
मैं=उसके पापा कहां गए हैं?
बुढ़िया=उसके बाप के बारे में तो पूछो ही मत। दिन भर पी कर इधर उधर घूमता रहता है।
मैं=और मां?
बुढ़िया=उसका मां काम गई है ।
मैं=उसके मां उसे स्कूल नही भेजती है?
बुढ़िया=उसका मां भी वैसी ही है । कुछ ध्यान नहीं देती है । वो भी थोड़ी थोड़ी पीना सुरु कर दी हैं । मैं समझाऊंगी अमर को ! बोलूंगी "गाड़ी में लोग आए थे पूछने ,अगर स्कूल नही जाओगे तो पुलिस उठाकर ले जाएगी।
फिर मैंने पड़ोसियों से पूछा अमर के बारे में। अनलोगो ने कहा " मां बाप दोनो लापरवाह हैं, बच्चे के ऊपर कोई ध्यान नहीं देते"। फिर मैं वहा से चला गया । फिर इसके बाद मनीष नाम के एक लड़का के घर गया। एक १५जेड१६ साल की लड़की आंगन में झाड़ू लगा रही थी।
मैं=मनीष घर में हैं?
लड़की=(पलट के देखी , वो तो मेरी ही छात्रा रह चुकी थी, हस्ते हुए )नही है घर में ।
मैं= कहां गया है?
लड़की =पता नही ?
मैं=तुमको पता नही की कहां गया है? तुम्हारा भाई है न।
लड़की= सर! वो दिन भर इधर उधर घूमता रहता है ।
(पीछे दरवाजे पर उसकी मां खड़ी थी।)
मैं= मनीष कहां गया है?( उसके मां से पूछा)
माता = सुबह १०/_ मांगा और पता नही कहां चला गया।
मैं= स्कूल क्यों नही जाता है?
माता=भेजने से जाता ही नही ! बोलता है की पैसा दिया हैएडमिशन करने के लिए । हमारा एडमिशन का पैसा दिया हुआ नही है । में नही जाऊंगा ।
मैं =अभी तक आपलोगो ने इस बारे में मुझसे बात क्यों नही किया है । कितने सारे बच्चे ऐसे हैं जिनके पास एडमिइन फीस नही था ।उनका एडमिशन हुआ तो ।अभी पढ़ भी रहे है । कितनी बार मैने खबर भिजवाया कि एडमिशन फीस नही है तो भी एडमिशन हो जायेगा फिर भी आप लोगो ने बच्चे को नही भेजा।
माता=मैने कितना बार उसके पापा को स्कूल भेजा बात करने के लिए वो भी जाता ही नही ।
(मेरे पीछे उसके पापा आकार खड़े हो गए )
मैं=आप मनीष के पापा है ?
पापा=हामी भरा ! मुस्कुराते हुए।
मैं= क्यों नही आए आप बात करने ।पा
पा= पैसा नही था इसीलिए नही भेजा ।
मैं=अरे तो बात तो कर ही सकते थे। बात क्यों नही किए?
पापा=अब भेज दूंगा ।
मां बाप दोनो ने भरोसा दिलाया की आज वेलॉग दोनो मिल के बेटा को समझाएंगे और स्कूल भेजेंगे । मैने कहां की ठीक है भेज दीजिएगा । पैसों की चिंता मत कीजिएगा । पैसा देना ही पड़ेगा ये जरूरी नहीं है ।
इसके बाद मैं रिया के घर गया। मैने देखा की ११ साल की रिया एक १० बाय १२ के झोपड़ी में रिया अपने माता पिता और चार साल के भाई के साथ रहती है। घर का दरवाजा बंद था और घर में कोई नही था। सामने एक पड़ोसी खड़ा था।
मैं=ये रिया का घर है ?
पड़ोसी = हां। क्या काम हैं?
मैं=स्कूल से आया हूं। रिया स्कूल नही जाती है इसीलिए पूछ
ताछ करने आया हूं।
एक दूसरी पढ़ोसी= ये रिया के दादाजी है उन्ही से पूछिए।
मैं= आप रिया का दादाजी है ? रिया क्यों नही जाती है स्कूल?
दादाजी= दूसरे बच्चे रिया को बहुत परेशान करते है है ।इसीलिए वह स्कूल नही जाती है।
मैं = कैसे परेशान करते है दूसरे बच्चे ? क्या मरते पीटते है?
दादाजी = नही ! चिढ़ाते है यह बोलकर की तुम्हे तो कुछ भी नही आता ।
मैं=अगर इतना चिढ़ाते है की आपकी बच्ची परेशान हो जाती है तो आप इसका शिकायत स्कूल में क्यू नही किए?
इतने में रिया अपने चार साल के भाई के उंगली पकड़े पहुंचती है।
मैं= रिया स्कूल क्यों नही जाती हो?
रिया= मेरा भाई को देखने वाला कोई नहीं है ? मैं इसके साथ खेलती हूं । मां बाप दोनो काम पे चले जाते है और शाम के चार बजे के बाद आते है । मेरा भाई भी मेरे बगैर किसी और के साथ खेलना नही चाहता। मैं स्कूल चली जाऊंगी तो इसको कोन देखेगा। मेरे मां बाप भी बोलते है की भाई के साथ खेलना और भाई को अकेला मत छोड़ना।
मैं=अरे ! भाई को icds में छोड़ दो । वहा पर खाना पीना सब मिलेगा, पढ़ना लिखना भी सीखेगा और साथ में दोस्त भी मिलेंगे ।
एक दूसरी पड़ोसी ने बताया की यहां पर सामने icds सेंटर है लेकिन उसमे बच्चे लोगो को पढ़ने कोई नही आता । सिर्फ बंद ही रहता है।
मैं= तो आपलॉग सब मिल के शिकायत कीजिए । क्यों नही करते है आप लोग शिकायत?
पड़ोसी=कोई चाहता ही नही शिकायत करना ?
मैं = रिया !स्कूल आना ठीक है।
इसके बाद मेरे लिए कुछ पूछने की जरूरत नहीं थी।इसके बाद मैं एक दूसरी छात्रा रेशमा के घर गया। उसके घर के सामने जाकर ही पूछ रहा था की रेशमा का घर कौन सा है लेकिन कोई बता नही रहा था। उसी समय आठवीं कक्षा की एक छात्रा मुझे मिली । उसने बताया की सर! सामने ही तो है उसका घर। रेशमा की मां सामने खड़ी थी और उसे पता चल चुका था की मैं स्कूल नही जाने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों से बात कर रहा हूं। उसने पहले कोशिश किया कि मुझे पता न चल पाए की वह रेशमा की मां है।जब आमना सामना हुआ तो फिर कुछ बहाना नही बना पाई।
मैं= आप रेशमा की मां है?
माँ= हां ! क्या बात है।
मैं=मैं स्कूल से आया हूं। रेशमा स्कूल नही आती है इसीलिए कारण जानना चाहता हूं।
पीछे से रेशमा आई।
मैं= रेशमा स्कूल क्यों नही जाती हो?
रेशमा =मुझे कुछ आता ही नहीं। मेरे उमर के सभी को अच्छा पढ़ना लिखना आता है । मुझे शर्म आती है इसीलिए मैं स्कूल नही जाती हूं।
मैं = स्कूल नही जाती हो तो फिर दिन भर क्या करती हो?
रेशमा=घर पे ही रहती हूं।
मैं =ठीक है कल से स्कूल आ जाना । तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं । धीरे धीरे सब सीख जाएगी।
रेशमा = सर! मैं कोन सी कक्षा में बैठूंगी ?
मैं= आठवीं में। तुम्हे पता भी नही की तुम कितना में पढ़ती हो ?
रेशमा = सर! मुझे तो आज पता चला की मेरा एडमिशन भी हुआ है। कैसे और कब एडमिशन हुआ था मुझे तो कुछ याद भी नहीं ।
(एक छात्रा ने बताया की इसकी दादी ने जा के इसकी एडमिशन करवा दी थी )
मैने कहां की रेशमा स्कूल आना ।हम सब है वहां पर ।तुम्हारे जैसे और भी है जिनको असुविधाएं है । तुम कोशिश तो करो । स्कूल आने की आदत तो डालो । धीरे धीरे सब सीख जाओगे। इतना कहकर मैं आगे बढ़ा। अब बारी थी आठवीं कक्षा की और एक छात्रा जिसका नाम था मिलन। मैं उसके घर पहुंचा । घर के बाहर उसके पापा थे।
मैं=आप मिलन के पापा है ?
पापा= हां ! क्यों क्या हुआ।
मैं = मिलन स्कूल क्यों नही जाता है?
पापा= मिलन स्कूल जाता है तो ?
मैं= नही ! वह तो एडमिशन के बाद एक दिन भी स्कूल नही आया है।
पापा=नही! स्कूल रोज जाता है।
मैं खुद ही कन्फ्यूज्ड हो गया । मुझे लगा की शायद हमसे ही कोई गलती हो गई होगी । मैं बाहर निकाला । कुछ बच्चे झुंड में मेरे तरफ आ रहे थे । एक पड़ोसी ने कहा "यही तो मिलन है"। मैं देखते ही पहचान गया की वह लड़का स्कूल नही जाता है क्योंकि रोज स्कूल आने वाले बच्चो को मैं एक नजर में ही पहचान लेता हूं। मैने उस बच्चे से पूछा " तुम स्कूल क्यों नही जाते हो?"
मिलन चुप रहा । उसके पापा ने मिलन से कहा " बता दो क्यों नही जाते हो ?" मिलन इस बार भी चुप रहा । मैने उसके पापा से कहा आपका लड़का स्कूल नही जाता है । अगर आप स्कूल भेजते भी होंगे तो वहा स्कूल तक नही पहुंचता। इतना कहकर मैं वहां से चला गया। इसके बाद एक अंतिम लड़का के घर मुझे जाना था जिसका नाम था अजय। मैं उसके घर पहुंचा । दरवाजा पीछे से था। मैं घूम कर पीछे से उसके घर में प्रवेश किया। एक औरत थी।
मैं= अजय घर पे है ?
औरत= नही है ! क्या हुआ?
मैं = में स्कूल से आया हूं । मैं जानना चाहता हु की अजय स्कूल क्यों नही जाता है ?
औरत= अब वो स्कूल नही जायेगा ।
मैं= नही जायेगा! क्यों नही जायेगा ? आप कोन है और अजय के किया लगते है ?
औरत= मैं उसकी भाभी हूं ।
(एक १६ _१७ साल की लड़की बाहर निकलती है )
मैं = तुम कोन हो?
औरत = ये अजय की पत्नी है।
मैं = ओ ! अजय की सादी भी हो गया ।
औरत= सादी नही हुआ है सिर्फ भागा कर लाया है।
इसके आगे और मुझे कारण जानने की जरूरत नहीं थी । तो दोस्तो ! मैने ये सर्वे किया और कारण जानने की कोशिश किया की आँखिर अभी भी कुछ बच्चे स्कूल आखिर क्यों नही जाते है। मुझे तो उसके स्कूल न जाने के पीछे समाज का एक शर्मनाक चेहरा नजर आता है । उसके स्कूल न जाने के पीछे कई वजह सामने आए ।जैसे की माता पिता के लापरवाह होना, समाज का माहोल खराब होना और सरकार की नाकाम कोशिशें। जबकि हर स्कूल में हर चालीस बच्चो के लिए एक शिक्षक होनी चाहिए ऐसा नहीं है। कितना सुंदर वाक्य है न की "पड़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया"। लेकिन किया सभी पढ़ पा रहे है नही तो ऐसा क्यों है। इसका समाधान हम सब को मिल के ढूंढना पड़ेगा नही तो लोग सिर्फ कागजों में ही शिक्षित हो पाएंगे असल जिंदगी में नही । और देश भी सिर्फ शब्दो और आंकड़ों में ही आगे बढ़ पायेगा असल मायने में नही।
जय हिंद
